खेत में लगे गेहूं एवं गन्ना की कटाई के पश्चात् अवशेष रही नरवाई किसान भाई नही जलायें, क्योकि इससे जहां खेत की मिट्टी कड़क हो जाती है वही भूमि के आवश्यक तत्व भी जलकर नष्ट हो जाते है। जिससे अगली बोई जाने वाली फसल का उत्पादन भी प्रभावित होता है। अतः किसान भाई नरवाई को जलाने के स्थान पर उसे रोटावेटर से मिट्टी में मिलाए, जिससे यह जैविक खाद मे परिवर्तित होकर खेत को लाभ पहुंचाये। उप संचालक कृषि आर.एस. गुप्ता ने बताया कि खरीफ में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से किसान भाईयो द्वारा जिले के विस्तृत क्षेत्र में गेहूं की बोवनी की गई है। क्षेत्र वृद्धि के साथ ही साथ गेहूं फसल बहुत अच्छी रही है एवं अच्छे उत्पादन की आशा की जा रही है।
उप संचालक कृषि आर.एस. गुप्ता ने बताया कि गेहूं की फसल काटने के पश्चात् तने के जो अवशेष बचे रहते है, उन्हे नरवाई कहते है। नरवाई जलाने से भूमि की उपरी परत में उपलब्ध आवश्यक तत्व जलकर नष्ट हो जाते है, भूमि कठोर हो जाती है और भूमि की जल धारणा क्षमता कम हो जाती है, जिससे फसले जल्दी सूखती है। इसके अलावा नरवाई जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है, तथा खेत के साथ साथ खेत की मेढ़ पर लगे पेड़-पौधो, फल वृक्ष आदि जलकर नष्ट हो जाते है। इस हानि से बचने के लिए किसान भाईयो से अपील की गई है कि वे खेतो में नरवाई को न जलायें।